वैसे तो भारत पर कई मुस्लिम शासकों ने आक्रमण किया लेकिन लेकिन मुगल आक्रमण एक ऐसा आक्रमण था जो कई वर्षों तक भारत पर शासन करता रहा मुगल वंश के संस्थापक बाबर ने दिल्ली सल्तनत पर कब्जा कर एक बड़ा साम्राज्य स्थापित किया ।
बाबर की मौत के बाद मुगल सल्तनत की गद्दी संभाली हुमायूं ने लेकिन हुमायूं को अपने शासन के समय कई चुनौतियों का सामना भी करना पड़ा हालांकि एक बार तो हुमायूं को हराकर शेरखान ने सूर वंश की स्थापना कर दी थी ।लेकिन हुमायूं और शेरशाह के बीच फिर से युद्ध हुआ जिसमें हुमायूं की जीत हुई और मुगल साम्राज्य एक बार फिर से अस्तित्व में आ गया।
बाबर की सबसे बड़े पुत्र हुमायूं 23 वर्ष की उम्र में मुगल वंश की गद्दी संभालते हैं हुमायूं का पूरा नाम नसीरुद्दीन हुमायूं था और 1508 ईसवी में उनका जन्म हुआ था। और 1530 में हुमायूं मुगल वंश की गद्दी पर बैठे थे।अपने साम्राज्य का विस्तार करते हुए हुमायूं ने पाकिस्तान अफगानिस्तान और भारत के कई हिस्सों पर अपना साम्राज्य विस्तार किया।हुमायूं की मौत 48 वर्ष की कम उम्र में ही सीढ़ियों से नीचे गिरने की वजह से हो गई थी।
बताया जाता है कि हुमायूं को पढ़ने का बहुत शौक था और वे जब कहीं भी जाते थे तो अपने साथ बहुत सारी किताबों को लेकर जाते थे हुमायूं की बहन गुलबदन बेगम ने हुमायूं पर बायोग्राफी लिखी है जिसमें हुमायूं की मौत का कारण भी बताया गया है।
हुमायूं को अफीम लेने का शौक था वे दिन में तीन बार अफीम का सेवन किया करते थे। गुलबदन बेगम लिखती है कि 24 जनवरी 1556 कुमायूं अपनी लाइब्रेरी की छत में थे।सर्द के मौसम में वे लंबी पोस्टीन पहना करते थे। वे हज से आए कुछ लोगों से मिलने के बाद छत की सीढ़ियों से नीचे उतर रहे थे
तभी नमाज का वक्त हो गया था नमाज़ की पहली लाइन अल्लाह हू अकबर सुनकर जैसे ही हुमायूं नीचे बैठते हैं तभी उनका पैर पोस्तीन में उलझ जाता है और हुमायूं अनियंत्रित होकर सीढ़ियों से नीचे गिर जाते हैं जिसमें उनके सर पर गहरी चोटें आ जाती हैं । बताया जाता है कि उनके सर से बहुत खून बहा था जिसके कारण उनकी 2 दिन बाद ही मौत हो गई।