जहां एक और तमिलनाडु के कन्नूर में हेलीकॉप्टर क्रैश में सीडीएस जनरल बिपिन रावत की आकस्मिक मौत में पूरा देश डूबा हुआ है वहीं दूसरी ओर मोदी सरकार के सामने एक बड़ी चुनौती आ गई है ।सीडीएस जनरल बिपिन रावत की आकस्मिक मृत्यु ने मोदी सरकार के सामने एक प्रश्न खड़ा कर दिया है , कि आखिर का अगले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ कौन होंगे ? भारत के लिए यह एक ऐसी स्थिति है जब वह बाह्य शत्रु देशों पाकिस्तान और चीन और आंतरिक शत्रुओं से जूझ रहा है। ऐसे में मोदी सरकार को इस बात की चिंता है कि आखिर नया सीडीएस किसे नियुक्त किया जाए।
ऐसे में थल सेना अध्यक्ष मनोज मुकुंद नरवणे का नाम वरिष्ठता की दृष्टि से सबसे आगे लिया जा रहा है ।हालांकि यदि मोदी सरकार मनोज मुकुंद नरवाने को चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जैसे महत्वपूर्ण पद की जिम्मेदारी सोपती है तो मोदी सरकार के सामने अगली चुनौती थल सेना अध्यक्ष का चयन करने की होगी।
बताया जा रहा है कि थल सेना के उप प्रमुख सीपी मोहंती और नॉर्दर्न आर्मी कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल एके जोशी जनरल मनोज मुकुंद नरवाने के बाद वरिष्ठता की दृष्टि से दूसरे नंबर पर आते हैं। अथवा हो सकता है कि यदि मनोज मुकुंद नरवाने सीरियस बनते हैं तो इन दोनों में से किसी एक को थल सेना अध्यक्ष जैसे महत्वपूर्ण पद की जिम्मेदारी सौंपी जाए।
शेताकर समिति के अनुसार भी मनोज मुकुंद नरवाने का नाम सबसे आगे:-शताकर समिति के अनुसार सीडीएस पद की जिम्मेदारी तीनों अंगों के प्रमुखों में से किसी एक को सौंपी जानी चाहिए ।और वरिष्ठता की दृष्टि से देखा जाए तो सेना के तीनों अंगों के प्रमुखों में मनोज मुकुंद नरवाने का सबसे आगे हैं क्योंकि वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वी आर चौधरी वह नौसेना प्रमुख एडमिरल हरि कुमार दोनों ही मनोज मुकुंद नरवाने से 2 साल जूनियर हैं।
सीडीएस बनने के लिए 4 स्टार होना जरूरी :-बता दें कि सीडीएस बनने के लिए 4 स्टार जनरल होना जरूरी है। और तीनों सेनाओं के प्रमुख ही 4 स्टार जनरल होते हैं। पर यह जरूरी नहीं है कि हमेशा 4 स्टार जनरल ही सीडीएस हो ।बल्कि ऐसा व्यक्ति जो 4 स्टार जनरल होने की योग्यता रखता हो उसे भी सीडीएस पद की जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है। इस लिहाज से देखा जाए तो उप सीडीएस एयर मार्शल बीआर कृष्णा का नाम भी सीडीएस के रूप में लिया जा रहा है।