भारत का राष्ट्रीय खेल क्या है? – What is the national sport of india?
क्या आपको पता है कि भारत का राष्ट्रीय खेल क्या है ? अगर नहीं तो यह लेख आपके लिए बहुत ही आवश्यक होने वाला है क्योंकि इस लेख मे आपको पता चलेगा कि भारत का राष्ट्रीय खेल क्या है ।यदि आपको पता है कि भारत का राष्ट्रीय खेल क्या है तो भी यह आर्टिकल आपके लिए बहुत लाभप्रद सिद्ध हो सकता है क्योंकि इसमें आपको कुछ ऐसी जानकारी मिलेगी जो आपके लिए निश्चित रूप से नई होगी। तो चलिए अब आपको भारत का राष्ट्रीय खेल क्या है बताते है।
भारत का राष्ट्रीय खेल क्या है? – Bharat ka Rashtriya Khel kya hai?
भारत के राष्ट्रीय खेल को जानने से पहले राष्ट्रीय खेल को परिभाषित कर लेते हैं। बता दें कि राष्ट्रीय खेल किसी राष्ट्र की संस्कृति के अंतर्गत खेले जाने वाला खेल है और प्रत्येक देश का कोई ना कोई राष्ट्रीय खेल होता है । दरअसल किसी भी देश का राष्ट्रीय खेल इस बात पर निर्भर करता है कि उस खेल का इतिहास किस प्रकार का रहा है यानी उस देश ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर होने वाली खेल प्रतियोगिताओं में उस देश को कितने मेडल जीते हैं और दूसरी बात वह फिर उस देश में कितना लोकप्रिया है।
इस आधार पर यह निर्णय लिया जाता है कि किसी भी देश का राष्ट्रीय खेल क्या होगा।अगर आप सोच रहे हैं कि भारत का राष्ट्रीय खेल क्रिकेट है तो आप बिल्कुल गलत है क्योंकि क्रिकेट भारत का राष्ट्रीय खेल नहीं है हालांकि यह भारत में काफी लोकप्रिय खेल है व इसे देखने वाले दर्शकों की संख्या बहुत ज्यादा है। भारत में बच्चे से लेकर बूढ़े तक को क्रिकेट के बारे में पता है ।भारत में शायद ही कोई होगा जिसे क्रिकेट की जानकारी नहीं होगी।
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि क्रिकेट का जन्मदाता इंग्लैंड को माना जाता है और इस कारण इंग्लैंड ने इसे राष्ट्रीय खेल का दर्जा भी दिया है इसके साथ ही ऑस्ट्रेलिया ने भी क्रिकेट को राष्ट्रीय खेल का दर्जा दिया है और यह वहां काफी लोकप्रिय भी है ।अब ऐसे में कई लोग भारत में क्रिकेट की लोकप्रियता को देखकर अंदाजा लगाते हैं कि भारत का राष्ट्रीय खेल भी क्रिकेट ही होगा ।लेकिन ऐसा नहीं है ।अब निश्चित रूप से आप सोच रहे होंगे कि भारत का राष्ट्रीय खेल यदि क्रिकेट नहीं तो जरूर हाकी होगा। आपको बता दें कि इस बार भी आप गलत हैं। दरअसल भारत का कोई राष्ट्रीय खेल है ही नहीं।
Bharat ka Rashtriya Khel kya hai (निष्कर्ष – Conclusion)
आपने कई बार कई किताबों और वेबसाइटों पर देखा होगा कि भारत का राष्ट्रीय खेल हॉकी लिखा जाता है लेकिन ये गलत है ।क्योंकि वर्ष 2012 में खेल मंत्रालय के सचिव शिवप्रसाद सिंह तोमर ने स्पष्ट शब्दों में कहा है कि फिलहाल भारत का कोई भी राष्ट्रीय खेल नहीं है। माना कि भारत में हॉकी का इतिहास काफी अच्छा रहा है और हॉकी में भारत ने पहली बार स्वर्ण पदक जीता था जो कि मेजर ध्यान चंद्र जी ने 1928 में जिताया था।
आपको बता दें कि 1928 से 1956 तक हॉकी में भारत ने कुल 6 पदक जीते हैं। जो कि भारत के लिए खुद में एक बहुत बड़ी उपलब्धि है और हॉकी के इतिहास में इस युग को स्वर्णिम युग की संज्ञा दी गई है और इस युग में ही भारत को मेजर ध्यानचंद जी जैसे महान हॉकी के जादूगर मिले थी। मेजर ध्यानचंद जी ने अपने हॉकी के करियर में कुल 185 मैच खेले हैं वह भारत सरकार द्वारा उन्हें 1956 में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। इस सब के बावजूद भी खेल मंत्रालय ने 2012 में यह कहा कि भारत का कोई भी राष्ट्रीय खेल नहीं है क्योंकि खेल मंत्रालय का कहना है कि भारत सभी खेलों को समान दर्जा देता है इस वजह से अभी तक उन्होंने किसी भी खेल को राष्ट्रीय खेल का दर्जा नहीं दिया है।
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