वजन बढ़ा तो सैनिकों की कट सकती हैं छुट्टियां, सेना करने जा रही नियमों में बड़ा बदलाव

0
2869
Soldiers' leave can be cut if their weight increases, Army is going to make a big change in the rules
Soldiers' leave can be cut if their weight increases, Army is going to make a big change in the rules

भारतीय सेना अधिकारियों के बीच घटते फिजिकल स्टैंडर्स को देखते हुए एक नई फिटनेस नीति लेकर आई है। इसके तहत मौजूदा परीक्षणों में नए टेस्ट्स के साथ ही प्रत्येक व्यक्ति के लिए एक आर्मी फिजिकल फिटनेस असेसमेंट कार्ड (APAC) भी जरूरी होगा। सेना में अब नई नीति लागू की गई है, जिसके तहत कई नई जांचों को शामिल किया गया है। खास बात है कि नए मानकों पर खरा नहीं उतरने वाले सैनिकों पहले सुधार के लिए 30 दिनों का भी समय दिया जाएगा और ऐसा नहीं होने पर छुट्टियों में कटौती जैसे कदम उठाए जा सकते हैं।

इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि नए बदलावों के अनुसार, एक कमांडिंग ऑफिसर के बजाय एक ब्रिगेडियर रैंक का अधिकारी तिमाही होने वाले परीक्षणों में पीठासीन अधिकारी होगा। यह नई पॉलिसी 30 दिनों के भीतर कोई सुधार नहीं होने पर अधिक वजन वाले कर्मियों के खिलाफ सख्त एक्शन लेती है। साथ ही मौजूदा परीक्षणों के साथ ही एक्स्ट्रा टेस्ट्स भी पेश करती है। जिसके लिए प्रत्येक व्यक्ति के लिए एक आर्मी फिजिकल फिटनेस असेसमेंट कार्ड की भी जरूरत होगी।

सूत्रों के अनुसार, सभी कमांड्स को भेजे गए एक लेटर में बताया गया है कि इस नई नीति का उद्देश्य परीक्षण प्रक्रिया में एकरूपता लाना, पाठ्यक्रमों के दौरान अधिकारियों के शारीरिक रूप से अयोग्य या मोटापे से ग्रस्त होना, पोस्टिंग और जीवनशैली से जुड़ी बीमारियों के बढ़ने जैसे मुद्दों का समाधान करना है।

क्या हैं वर्तमान नियम?

फिलहाल, सेना में हर तीन महीने में बैटल फिजिकल एफिशीएंसी टेस्ट (BPET) और फिजिकल प्रोफीशिएंसी टेस्ट (PPT) होता है। BPET के तहत एक शख्स को 5 किमी की दौड़, 60 मीटर की स्प्रिंट, रस्सी के बल ऊपर चढ़ना और तय समय में 9 फीट के गड्ढे को पार करना है। यहां समय उम्र के आधार पर तय किया जाता है। वहीं, PPT में 2.4 किमी की दौड़, 5 मीटर शटल, पुश अप्स, चिन अप्स, सिट अप्स और 100 मीटर की स्प्रिंट होती है। इसके अलावा कुछ जगहों पर तैराकी जांच भी होती है। इन जांचों के नतीजों को एनुअल कॉन्फिडेंशियल रिपोर्ट (ACR) में शामिल किया जाता है, जिसके जिम्मेदार कमांडिंग ऑफिसर होते हैं।

क्या हैं नए नियम?

नए नियमों के तहत ब्रिगेडियर रैंक के अधिकारी दो कर्नल और एक मेडिकल अधिकारी के साथ मिलकर हर तीन महीनों में आंकलन करेंगे। सैनिकों को BPET और PPT के अलावा कुछ और टेस्ट भी देने होंगे। इनमें 10 किमी का स्पीड मार्च और हर 6 महीनों में 32 किमी का रूट मार्च शामिल है। साथ ही 50 मीटर का स्विमिंग टेस्ट भी देना होगा।

 

Lफिटनेस टेस्ट में फेल होने पर क्या होगी कार्रवाई?

रिपोर्ट के मुताबिक, जो सैनिक इन मानकों पर खरे नहीं उतरते या ओवरवेट पाए जाते हैं, उन्हें स्थिति सुधारने के लिए 30 दिनों का समय मिलेगा। अगर इस अवधि में भी उनमें कोई सुधार नहीं होता है तो छुट्टियों और टीडी कोर्सेज में कटौती की जाएगी।

Advertisement
Advertisement
Advertisement

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here