
आरपीएफ इंटेलिजेंस की जांच में लक्सर में पेंशन का फर्जीवाड़ा उजागर हुआ है। सामने आया कि एक भाई 13 साल पहले मर चुकी अपनी बहन को जीवित दिखाकर पिता की पेंशन लेता रहा। लेकिन रेलवे अधिकारियों को इसकी भनक तक नहीं लगी। गोपनीय शिकायत पर हुई जांच में फर्जीवाड़ा सामने आने पर रेलवे में हड़कंप मच गया।
2003 में उनकी मृत्यु हो गई। उनकी एक बेटी दिव्यांग थी। बेटी ने पिता की पेंशन पर हक जताते हुए कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। बेटी के दिव्यांग और अपने पिता की आश्रित होने के चलते कोर्ट ने पेंशन उसे देने के आदेश दिए थे। तभी से बेटी को पिता की पेंशन मिलती आ रही थी। आरपीएफ इंटेलिजेंस की पड़ताल में सामने आया कि 2012 में दिव्यांग बेटी की मृत्यु हो गई। दस्तावेजों में दिव्यांग महिला की नॉमिनी उसके भाई की पत्नी बनी हुई थी। इसी का फायदा उठाते हुए महिला का भाई उसे जीवित दिखाते हुए पेंशन लेता रहा।
खुलासा होने पर रेलवे में हड़कंप मच गया। लेकिन सवाल रेलवे अधिकारियों की भूमिका पर भी खड़े हो रहे हैं। 13 साल तक रेलवे अधिकारी आंख बंद कर मृतक के नाम पर उसके भाई को पेंशन भेजत रहे। एक बार फिर जीवित प्रमाण पत्र लेने की जहमत नहीं उठाई गई। फिलहाल, इस पूरे मामले में इंटेलिजेंस ने कार्रवाई के लिए रिपोर्ट उच्च अधिकारियों को भेज दी है।