उत्तराखंड: मानसून और पश्चिमी विक्षोभ मिलकर मचा रहे तबाही, तीव्रता अभी भी बरकरार

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Monsoon and western disturbances together are wreaking havoc
Monsoon and western disturbances together are wreaking havoc

इस बार मानसून समय से आया और लगातार बारिश का सिलसिला जारी है। अब तक प्रदेशभर में 1237.1 मिमी बारिश दर्ज की जा चुकी है, जबकि सामान्य आंकड़ा 999.8 मिमी का है। पिछले तीन दिनों से लगातार भारी बारिश कई जिलों में तबाही मचा रही है। नदियों का जल स्तर खतरे के निशान से ऊपर है। पहाड़ों में भूस्खलन की घटनाएं तेजी से बढ़ गई हैं। सैकड़ों रास्ते बंद हैं।

मौसम विभाग के निदेशक डॉ. चंद्र सिंह तोमर ने बताया कि बुधवार को भी देहरादून, नैनीताल, रुद्रप्रयाग, उत्तरकाशी, बागेश्वर, चंपावत और ऊधमसिंह नगर में भारी बारिश का आरेंज अलर्ट जारी किया गया है। कई वैज्ञानिक मानसून व पश्चिमी विक्षोभ की इन परिस्थितियों को 2013 से जोड़कर देख रहे हैं, जब केदारनाथ आपदा आई थीं। निदेशक डॉ. तोमर का कहना है कि इस तरह की परिस्थितियां बन जाती हैं। उन्होंने कहा कि आगामी एक-दो दिन में यह थ्रस्ट आगे बढ़ जाएगा।

बागेश्वर जिले में इस मानूसन सीजन में बारिश के रिकॉर्ड टूट गए हैं। एक जून से दो सितंबर तक यहां 2336.8 मिमी बारिश रिकॉर्ड की गई है जो कि यहां के सामान्य 674.5 मिमी आंकड़े से 246 प्रतिशत अधिक है। चमोली में 1203.7 मिमी बारिश हुई है, जो यहां के 627.6 मिमी सामान्य आंकड़े से 92 प्रतिशत अधिक है। टिहरी में 1268.4 मिमी बारिश हुई है जो कि यहां के सामान्य 810.4 मिमी के आंकड़े से 57 फीसदी अधिक है। हरिद्वार में 1296.6 मिमी बारिश हुई, जो यहां के 845.5 मिमी के आंकड़े से 53 प्रतिशत अधिक है। देहरादून में अब तक 1617.2 मिमी बारिश हो चुकी है जो कि यहां के सामान्य आंकड़े 1249.9 मिमी से 29 प्रतिशत अधिक है।

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