उत्तराखंड सरकार ने नई आबकारी नीति के तहत उन शराब की दुकानों को बंद करने का निर्देश दिया है, जिनके खिलाफ स्थानीय लोग विरोध करते हैं। इसके साथ ही आबकारी आयुक्त हरि चंद्र सेमवाल ने 14 मई की शाम को सभी जिला आबकारी अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश भी जारी किए हैं। बता दे कि आबकारी आयुक्त ने सभी जिला आबकारी अधिकारियों से उनके जिलों में स्थित उन शराब की दुकानों की जानकारी मांगी है, जिनके खिलाफ स्थानीय लोगों का विरोध होता है।
वहीं अब आबकारी आयुक्त हरि चंद्र सेमवाल ने सभी जिलाधिकारियों को निर्देश जारी किए हैं कि जिन शराब की दुकानों पर स्थानीय लोगों का विरोध हो रहा है, उन्हें स्थायी रूप से बंद किया जाए। इससे जनता की भावनाओं का सम्मान होगा और राज्य में शराब की समस्या पर कुछ हद तक नियंत्रण पाया जा सकेगा। बताते चले कि आबकारी आयुक्त ने मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद स्थानीय जन भावनाओं को देखते हुए शराब की दुकानों को बंद करने का फैसला लिया है।
जानकारी मिली है कि अल्मोड़ा और देहरादून सहित कई क्षेत्रों में लगभग 4 से 5 शराब की दुकानें हैं जिनके खिलाफ स्थानीय लोगों का विरोध हर साल देखने को मिलता है। सरकार ने अब इन दुकानों को स्थायी रूप से बंद करने का निर्णय लिया है। इसके साथ ही सरकार ने यह भी स्पष्ट किया है कि जिन शराब की दुकानों को बंद किया जा रहा है, वहां लाइसेंसधारी द्वारा जमा की गई धनराशि वापस की जाएगी। इससे लाइसेंसधारियों को राहत मिलेगी और उन्हें जमा की गई राशि वापस मिल जाएगी।