आपदा का जख्म; छह साल के अक्षित को माता-पिता और भाई के लौटने का इंतजार, बार-बार तस्वीर देख याद करता

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Wounds of disaster; 6 year old Akshit waits for his parents and brother to return, remembers them by looking at their pictures again and again
Wounds of disaster; 6 year old Akshit waits for his parents and brother to return, remembers them by looking at their pictures again and again

बीते 5 अगस्त को आई आपदा ने धराली गांव में कई परिवारों को ऐसा गहरा जख्म दिया है जिसकी पीड़ा शायद ही कभी कम हो। इस आपदा में छह युवा लापता हो गए जिनमें से अब तक केवल एक का शव बरामद हो पाया है। सबसे हृदयविदारक कहानी पंवार परिवार की है जहां माता-पिता और उनके चार वर्षीय बेटे का कोई सुराग नहीं मिला है।

मुकेश पंवार उनकी पत्नी विजेता पंवार और चार वर्षीय बेटा अनिक पंवार इस सैलाब में कहां लापता हो गए, इसका एक सप्ताह बाद भी कोई पता नहीं चल पाया है। इस बीच उनका छह वर्षीय बड़ा बेटा अक्षित पंवार उनकी राह देख रहा है। स्कूल की छुट्टी न होने के कारण अक्षित को आपदा से एक दिन पहले मामा के घर छोड़ दिया गया था।

बार-बार मम्मी-पापा और भाई की तस्वीरें दिखाने को कहता
अक्षित बार बार अपने मामा से मम्मी-पापा और भाई की तस्वीरें दिखाने को कहता है। सोशल मीडिया पर आपदा से जुड़े वीडियो देखते ही वह उन्हें तुरंत हटा देता है मानो उस भयावह सच को स्वीकार करने से इनकार कर रहा हो। उसके मामा महेंद्र चौहान ने बताया कि हादसे के दिन उनके जीजा के बड़े भाई के फोन करने पर कुछ देर के लिए घंटी बजी, लेकिन उसके बाद उनका और उनकी बहन व छोटे भांजे का कोई संपर्क नहीं हो पाया।

वहीं, दूसरी ओर धनेंद्र पंवार की बीमार पत्नी और दो बच्चे भी आज भी उनके लौटने की राह देख रहे हैं। इस आपदा ने न केवल जान-माल का नुकसान किया है बल्कि पीछे छूट गए परिवारों को भी अनिश्चितता और दर्द के भंवर में धकेल दिया है।

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