गुजरात की सूरत पुलिस ने एक ऐसे शख्स को गिरफ्तार किया है, जो खुद को पिछले कई सालों से इसरो और नासा का साइंटिस्ट बता रहा था. पुलिस ने बताया कि इस शख्स ने खुद को साइंटिस्ट बताकर मीडिया को कई इंटरव्यू दिए और दावा किया कि उसने ही ‘चंद्रयान-3’ के लिए लैंडर मॉड्यूल का डिजाइन तैयार किया था. पुलिस ने जब उसके दावों की जांच की तो वो अपने साइंटिस्ट होने का कोई भी प्रूफ नहीं दे पाया और उसे गिरफ्तार कर लिया गया.
जानकारी के मुताबिक आरोपी मितुल त्रिवेदी सूरत में ट्यूशन क्लासेज चलता है. उसने यह झूठ इसलिए बोला जिससे ट्यूशन पढ़ने वाले स्टूडैंट्स की संख्या में इजाफा हो सके. आरोपी फर्जी साइंटिस्ट मितुल त्रिवेदी ने एमकॉम तक की पढ़ाई की है. वह पिछले कई सालों से झूठ बोल रहा था. मितुल ये भी दावा किया कि चंद्रयान-2 में भी उसकी अहम भूमिका थी.
बता दें, 23 अगस्त की शाम 6 बजे के करीब विक्रम लैंडर ने चांद पर कदम रखा था. विक्रम लैंडर के चांद पर उतरने के बाद ISRO चीफ एस सोमनाथ ने इस कामयाबी के लिए सभी वैज्ञानिकों और देश को बधाई दी थी. वहीं पीएम नरेंद्र मोदी ने इसे नए युग की शुरुआत बताया था. इस समय लैंडर से निकला रोवर चांद की सतह पर तरह-तरह के प्रयोग कर रहा है, जिनकी जानकारी इसरो समय-समय पर सार्वजनिक करता रहता है.
आरोपी के खिलाफ पुलिस ने कई धाराओं केस दर्ज किया
पुलिस ने इस फर्जी साइंटिस्ट खिलाफ IPC की धाराओं 419 (प्रतिरूपण द्वारा धोखाधड़ी), 465 (जालसाजी), 468 (धोखाधड़ी के उद्देश्य से जालसाजी), और 471 (जाली दस्तावेज को वास्तविक के रूप में इस्तेमाल करना) के तहत FIR दर्ज की. अतिरिक्त पुलिस आयुक्त शरद सिंघल ने बताया कि त्रिवेदी एक निजी शिक्षक है, जो अपनी ट्यूशन कक्षाओं में छात्रों को आकर्षित करने के लिए मीडिया के सामने खुद को इसरो वैज्ञानिक के रूप में पेश करता था.