उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में पीएसी के इंस्पेक्टर सतीश कुमार सिंह की हत्या केस में पुलिस ने मामले के खुलासे का दावा किया है. कथित तौर पर पुलिस ने इंस्पेक्टर के साले और उसकी पत्नी भावना को गिरफ्तार किया है. पुलिस के मुताबिक, इंस्पेक्टर सतीश कुमार सिंह की हत्या उनकी पत्नी भावना के इशारे पर साले देवेंद्र कुमार वर्मा ने की थी.
खुलासे में अब तक क्या पता चला?
आरोप है कि इंस्पेक्टर सतीश कुमार सिंह घर पर पत्नी और 10 साल की बेटी के सामने कई अन्य महिलाओं को घर लाते और अपने कमरे में ले जाते थे. इसको लेकर उनका पत्नी से झगड़ा भी होता था. पूछताछ के दौरान पता चला की एक बार सतीश सिंह घर पर एक महिला के साथ उसके दलाल को भी लेकर आए थे और उस दलाल को अपनी पत्नी के कमरे में कथित तौर पर भेजना चाहता थे. पुलिस ने सतीश की करीबी महिला और उसके दलाल से पूछताछ की तो यह चौंकाने वाला खुलासा भी हुआ.
आरोप है कि इंस्पेक्टर सतीश कुमार सिंह घर पर पत्नी और 10 साल की बेटी के सामने कई अन्य महिलाओं को घर लाते और अपने कमरे में ले जाते थे. इसको लेकर उनका पत्नी से झगड़ा भी होता था. पूछताछ के दौरान पता चला की एक बार सतीश सिंह घर पर एक महिला के साथ उसके दलाल को भी लेकर आए थे और उस दलाल को अपनी पत्नी के कमरे में कथित तौर पर भेजना चाहता थे. पुलिस ने सतीश की करीबी महिला और उसके दलाल से पूछताछ की तो यह चौंकाने वाला खुलासा भी हुआ.
तांत्रिक को लेकर सामने आई चौंकाने वाली बात
आरोप है कि इंस्पेक्टर सतीश सिंह के ना सिर्फ दूसरी महिलाओं से अवैध संबंध थे बल्कि वो तांत्रिक ढंग से खजाना पाने की भी कोशिश कर रहे थे. पूछताछ के दौरान पता चला कि फतेहपुर के तांत्रिक के कहने पर सतीश एक ऐसी अविवाहित लड़की की तलाश में था, जिसके पूरे शरीर पर कोई दाग ना हो, निशान ना हो.
खजाना पाने की कोशिश
सतीश ने अपनी इस तलाश का जिक्र अपनी बेटी के सामने पत्नी से भी किया था. सतीश की तलाश भी पूरी हो गई थी. ऐसी ही एक लड़की को लेकर वह एक रात के लिए अपने घर पर भी आए थे. तांत्रिक ने उन्हें बताया था कि ऐसी लड़की की मदद से गड़ा खजाना मिलेगा.
इंस्पेक्टर सतीश की इन्हीं सब कथित हरकतों की वजह से भावना तंग आ चुकी थी. उसने भाई देवेंद्र के साथ मिलकर खौफनाक साजिश रच डाली.
पत्नी ने बताई थी झूठी कहानी
सतीश सिंह की पत्नी भावना ने घटना के बाद बयान दिया था कि वो सिर दर्द की वजह से 15 मिनट के सफर में ही सो गई थी और उसकी नींद तब खुली जब उसने एक गोली चलने की आवाज सुनी और गेट पर सतीश कराह रहे थे. लेकिन भावना की यह कहानी पूरी तरह झूठ थी.
सामने आई जानकारी के मुताबिक,भावना ही अपने भाई देवेंद्र वर्मा के कहने पर सतीश को राजाजीपुरम से घर ले आई थी, ताकि दिवाली वाली रात जब पटाखे की आवाज होगी तब वह सतीश को घर लाएगी और ऐसे में जब गोली चलेगी तो किसी को पता नही चलेगा.
बता दें कि भावना के भाई देवेंद्र वर्मा ने पहली गोली 315 बोर के देशी तमंचे से मारी थी़. इसके बाद उसने अपनी 32 बोर की पिस्टल से सतीश पर चार गोलियां दागी. इस दौरान की पूरी घटना भावना कार के अंदर बैठकर देख रही थी. वहीं जब देवेंद्र सतीश को गोली मारकर गली से निकल गया तब जाकर भावना ने चीखना चिल्लाना शुरू किया. इसकी जानकारी सतीश के बड़े भाई अजीत के घर में लगे सीसीटीवी कैमरे से हुई.
सीसीटीवी कैमरे में घटना के दौरान की कोई रिकॉर्डिंग नहीं है. हालांकि, फायरिंग की आवाज उस सीसीटीवी में सुनाई पड़ी.
आरोपी देवेंद्र कैसे पकड़ में आया?
देवेंद्र ने अपनी पहचान छुपाने के लिए हुडी शर्ट और मास्क का इस्तेमाल किया था, ताकि कहीं सीसीटीवी में उसका चेहरा ना आ जाए. इसके साथ ही उसने घटना को अंजाम देने के लिए पुरानी साइकिल का इस्तेमाल किया था. ऐसा इसलिए क्योंकि पुलिस साइकिल सवारों पर शक नहीं करती और ना उनकी जांच करती है. पुलिस की इसी मानसिकता को समझ कर उसने पुरानी साइकिल खरीदने के बाद वह पहले चारबाग स्टेशन से सतीश सिंह के घर पहुंचता है और घटना को अंजाम देकर उसी साइकिल से ही कनोसी नहर ,राजाजीपुरम होते चरक चौराहे तक जाता है.
पुलिस को चकमा देने के लिए देवेंद्र ने रास्ते में कपड़े भी बदले थे.इसके साथ ही वह कहीं जूते से पकड़ा ना जाए, इसलिए देवेंद्र ने जूता का रंग भी बदल लिया था. बता दें कि घटना के वक्त देवेंद्र ने जो जूते पहने थे वह सफेद रंग के थे. लेकिन घटना को अंजाम देने के बाद उसने जूते पर काली पॉलिश लगा दी थी.
कृष्णानगर पुलिस ने 6 दिन की कड़ी मशक्कत के बाद इंस्पेक्टर सतीश कुमार सिंह की हत्या के आरोप में उसकी पत्नी भावना सिंह और साले देवेंद्र वर्मा को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है.