खबर उत्तर प्रदेश के मेरठ से आ रही है।लोगों को लगता है कि समाज में केवल पुरुष की भ्रष्टाचार में शामिल होते है लेकिन कई महिलाएं भी इस सूची में शामिल होती है। यहां भी इसी मामले के चलते एक महिला पुलिस थाने के थाना प्रभारी (एसएचओ) एवं एक उपनिरीक्षक (एसआई) को निलंबित कर दिया गया है।आरोप है कि वे आरोपी का नाम हटाने के लिए एक लाख रुपये की मांग कर रहे थे।
दोनो लोगों के खिलाफ अधिकारियों द्वारा सिविल लाइंस थाने में भ्रष्टाचार का मामला दर्ज किया गया साथ ही मामले की विभागीय जांच के भी आदेश दिए जा चुके है।दोनो आरोपी की पहचान जांच अधिकारी सब-इंस्पेक्टर रितु काजला एवं महिला थाने की एसएचओ मोनिका जिंदल के रूप में हुई है।उन्होंने एक व्यक्ति से उसका नाम आरोपी की सूची से हटाने के लिए एक लाख रुपये की मांग की।
मामले की जांच वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) प्रभाकर चौधरी द्वारा एसपी (ग्रामीण) से करने को कहा था।जिसके बाद दोनो महिला पुलिस दोषी पाए गए।जांच पड़ताल के बाद रिपोर्ट तैयार की गई और मामला दर्ज़ किया गया।अब दोनो आरोपी पुलिसकर्मियों को एसएसपी के आदेश पर निलंबित किया गया।साथ ही एक सेना के जवान द्वारा दोनों आरोपी महिला पुलिसकर्मियों का वीडियो बनाकर उनकी शिकायत एसएसपी से की।