उत्तराखंड में स्कूलों की दूरस्थ स्थिति के चलते, अभिभावक अपने बच्चों के लिए स्कूल बस की सुविधा का प्रबंध तो करते हैं। लेकिन इससे बच्चों की सुरक्षा खतरे में पड़ जाती है और वे कभी भी दर्दनाक हादसों का शिकार हो सकते है। वहीं अब उधम सिंह नगर जिले से एक बेहद दुखद खबर सामने आई है, जहां स्कूल बस से उतरते समय एक चार वर्ष की बच्ची की मौत हो गई। बच्ची की मौत के मामले में परिजनों ने बस चालक और हेल्पर को दोषी ठहराया है। जिसके बाद पुलिस ने दोनों दोषियों को गिरफ्तार कर लिया है। जानकारी मिली है कि उधम सिंह नगर जिले के गदरपुर के पिपलिया नंबर एक की रहने वाली 4 वर्षीय तृषा मंडल, जो तापस मंडल की बेटी है, का तीन दिन पहले ही आनंद पब्लिक स्कूल पिपलिया नंबर दो में नर्सरी कक्षा में दाखिला हुआ था।
वहीं तृषा बीते शनिवार को स्कूल गई थी, और दोपहर 1:00 बजे स्कूल बस से घर आते समय वह एक दर्दनाक हादसे का शिकार हो गई। बता दे कि तृषा की दादी उसकी प्रतीक्षा कर रही थी, और जैसे ही बस गांव के पास पहुंची, वह उसे लेने के लिए आगे बढ़ी। बस पिपलिया नंबर एक पर रुकते ही बच्चे उतरने लगे, लेकिन तृषा को बस का अटेंडेंट सही तरीके से नीचे नहीं उतार पाया, और बस आगे बढ़ गई। वहीं बस चालक की लापरवाही के कारण तृषा का संतुलन बिगड़ गया और वह नीचे गिर गई, और बस के पिछले टायरों की चपेट में आकर वह गंभीर रूप से घायल हो गई, क्योंकि बस चालक ने उसे गिरते हुए नहीं देखा और बस को आगे बढ़ा दिया। बच्ची की हालत देखकर उसे तुरंत रुद्रपुर अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत्यु घोषित कर दिया, जिससे परिवार में कोहराम मच गया। तृषा की मौत के बाद परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है, क्योंकि वह घर की इकलौती बेटी थी और उसकी मौत ने परिवार को गहरे दुख में डूबो दिया है।
घटनास्थल पर चीख-पुकार मच गई, जब बच्ची की दादी ने इस घटना को देखा, और आसपास के लोग इकट्ठा हो गए। बताते चले कि बच्ची के पिता, जो एक कंपनी में पेंटर का काम करते हैं, ने अपनी बच्ची की मौत के लिए बस चालक और हेल्पर को जिम्मेदार ठहराया है, और उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग भी की है। इस हृदयविदारक घटना के बाद से मृतका बच्ची के परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है, और पूरे क्षेत्र में एक गहरा सन्नाटा पसरा हुआ है, जिससे हर किसी का दिल दहल गया है।