अगर दिल में हौसला हो तो आप कुछ भी हासिल कर सकते हो ।जी हां यह सीख हमे मिलती है 9 महीने पहले अपने ट्रेक गाइडनर भाई खिलाफ सिंह को खोने वाले आनंद सिंह की जो कि उत्तराखंड के बागेश्वर के कपकोट के जातोली गांव के निवासी हैं। बता दें कि खिलाफ़ सिंह पेशे से एक गाईडर थे जो कि हिमालय की चोटियों में लोगों को सैर कराते थे।
बता दें कि खिलाफ़ सिंह सुंदरडूंगा गिलेशियर इलाके के काफी अच्छे गाइडर थे वे वहां के काफी जाने माने गाइडर में से एक थे।घटना शुरू होती है 16 अक्टूबर 2021 को जिसमे पश्चिम बंगाल से आए हुए 5 ट्रेकर्क्स और 4 पोर्टरों के साथ खिलाफ़ सिंह सुंदरडूंगा गिलेसियर की ओर रवाना होते हैं यह टोली खुशी खुशी भ्रमण कर ही रही होती है कि तभी 20 अक्टूबर 2021 को बर्फीला तूफान आ जाता है जिसके कारण सब लोगो की जान खतरे में आ जाती हैं
इस बर्फीले तूफान के कारण पांचों ट्रेकर्स की बर्फीले तूफान के कारण मौत हो जाती है और 4 पोर्टर मुश्किल से अपनी जान बचाकर गांव में भागते भागते पहुंच जाते हैं जबकि खिलाफ सिंह का कुछ पता ही नही चलता ।
जब ये खबर प्रशाशन तक पहुंची तो उन्होंने आनन फानन में सभी बर्फीले तूफान में फंसे हुए लोगों को ढूंढने के लिए एसडीआरएफ की मदद से रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया जिसमे पश्चिम बंगाल के 5 ट्रेकर्स के शव बरामद हुए लेकिन खिलाफ सिंह के बारे में कुछ भी पता नहीं चल पाया जिसके बाद मौसम में परिवर्तन होने से यह जांच पड़ताल बंद कर दी गई और तलाशी अभियान को रोक लिया गया।
जब खिलाफ सिंह की खबर उसके घर पहुंची तो उसके परिवार में शोक का मातम छा गया परिवार वालों को यकीन ही नहीं हुआ लेकिन हिमालय की चोटियों और खराब मौसम के आगे वे कर भी क्या सकते थे फिर खिलाफ़ सिंह के भाई आनंद सिंह ने उन्हें ढूंढ निकालने का कार्य अपने ऊपर लिया 9 महीने के लंबे इंतजार के बाद जब बर्फ पिघली और मोसम साफ हुआ तो आनद सिंह अपने गांव के कुछ व्यक्तियों के साथ सुंदरडुगा गिलेशियर पहुंचा
और अपने भाई को ढूंढने का प्रयास किया जिसमें वह सफल रहा बता दें कि उसके भाई का शव जिसे प्रशासन भी नहीं ढूंढ पाई थी वो आनद सिंह ने ढूंढ लिया था उसके बाद तुरंत एसडीआरएफ की टीम को वापस उस स्थान पर जाने के लिए प्रशासन द्वारा निर्देश दिए गए अब शव की पुष्टि की जा रही है।