माता पिता अपने बच्चों को स्कूल इसलिए भेजते हैं. ताकि वह वहां से अच्छी अच्छी आदतें सीखे अच्छी अच्छी बात सीखे और अपने माता-पिता देश का नाम रोशन करें और एक दिन अपने पैरों पर खड़ा हो जाए. इसीलिए वह अपने बच्चों को अच्छी और बड़ी-बड़ी स्कूलों में भेजते हैं. यहां बाहर नई नई किताबें पढ़कर अपने सब्जेक्ट बा दुनिया के बारे में सीखते हैं.
मगर आज हम आपको एक ऐसी बात बताने जा रहे हैं. जिससे आप यह सोचने पर मजबूर हो जाएंगे कि आपका बच्चा जो स्कूल की किताब में पढ़ रहा है वह सही है या गलत. खबर उत्तराखंड राज्य के देहरादून की है जहां के मनीष मित्तल ने आईसीएसई बोर्ड के एक स्कूल में अपने बेटे का एडमिशन कराया. अपने बेटे के अच्छे भविष्य के सपने को तब झटका लग जब उनका 7 साल का बेटा अपने पेरेंट्स को मम्मी पापा ना बोलकर अम्मी अब्बू कहकर बुलाने लगा.
मनीष मित्तल अपने बेटे के अंदर के इस बदलाव को देखकर कर बहुत ही अचंभित थे. जब उन्होंने इस बात की जानकारी हासिल करने की कोशिश की कि वह यह सब कहां से सीख रहा है तो उनके बेटे ने उन्हें बताया कि उनकी इंग्लिश की किताब में मम्मी पापा को को अम्मी अब्बू करके संबोधित किया गया है. इससे हिंदुओं की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंच सकती है. हैदराबाद के ओरिएंट ब्लैक स्वान ने इस पुस्तक का प्रकाशन किया है.
मनीष मित्तल के अनुसार ऐसे पुस्तकों पर रोक लगाई जानी चाहिए और प्रकाशन से पहले उनकी जांच भी होनी चाहिए. मामला डीएम पर पहुंच चुका है और मुख्य शिक्षा अधिकारी इसकी जांच कर रहे हैं. जांच के बाद 1 हफ्ते के भीतर ही रिपोर्ट प्रस्तुत कर दी जाएगी.