राज्य की पहाड़ी इलाकों में स्थित गांव में आज भी दूर-दूर तक कोई सड़क और नजदीकी अस्पताल की व्यवस्था नहीं है जिसके चलते कई बार बुजुर्ग बच्चे और महिलाओं को अपनी जान से हाथ धोना पड़ता है। आज इतने वर्षों बाद भी राज्य में विकास दर बहुत धीमी है। जिसका खामियाजा आमजन को भुगतना पड़ता है ।
सड़क के अभाव के चलते एक ऐसी ही एक दुखद खबर सामने आई है राज्य के नैनीताल जनपद से जहां के रहने वाली एक प्रसूता सड़क के अभाव के कारण पैदल चलकर अस्पताल पहुंचने से पहले ही जंगल में दो जुड़वा बच्चों को जन्म देती है। और अस्पताल पहुंचने से पहले ही हाइपोथर्मिया के कारण एक बच्चे और प्रसूता महिला की मौत हो गई।
जानकारी के मुताबिक 26 वर्षीय प्रसूता विमला देवी पत्नी देव सिंह चिलवाल नैनीताल जनपद के ओखलकांडा ब्लॉक के चमोली गांव की रहने वाली थी।बताया गया की गर्भवती विमला देवी को बीते दिवस सुबह 4 बजे लगभग प्रसव पीड़ा शुरू होने लगी जिसके बाद महिला के परिजन उसे अस्पताल ले जाने की तयारी करने लगे और 108 पर कॉल किया।
लेकिन प्रसूता के घर से सड़क करीब 2 km की दूरी पर है।जहां तक पहुंचने के लिए खड़ीचढ़ाई चढ़ने पड़ती है। जिसके महिला ने सड़क तक पहुंचने से पूर्व जंगल में ही दो जुड़वा बच्चो को जन्म दिया। इसके बाद परिजनो ने महिला को सड़क तक पहुंचाया और 36 km दूर ओखलकंडा के अस्पताल लेकर गए।लेकिन तब तक महिला और बच्चे की मौत हो गई।अस्पताल के प्रभारी चिकित्सक एसपी सिंह ने बताया कि ज्यादा ठंड और अधिक रक्तश्राव के कारण महिला और 1 बच्चे की मौत हो गई। जबकि दूसरा बच्चा अभी सुशीला तिवारी हॉस्पिटल हल्द्वानी में भर्ती है ।
बता दें कि प्रसूता विमला देवी अपने पति के साथ में गाजियाबाद रहती थी और वर्तमान समय में अपने गांव आई हुई थी प्रसूता और बच्चे की मौत से परिवार में कोहराम मचा है वही पूरे गांव और आसपास के क्षेत्र में भी मातम पसरा है साथ ही लोगों ने स्थानीय नेताओं के खिलाफ आक्रोश भी व्यक्त किया है।