उत्तराखण्ड: यहां टॉर्च की रोशनी में रास्ते में हुआ महिला का प्रसव…

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The delivery of a woman took place on the way in the light of torch here in Uttarakhand.
Photo:The delivery of a woman took place on the way in the light of torch here in Uttarakhand.

जहां देश में चारों ओर सड़क का जाल बिछ रहा है, वहीं उत्तराखंड में आज भी ऐसे क्षेत्र हैं, जहां सड़क आज तक नहीं पहुंच पाई। जिसकी वजह से गर्भवती महिलाओं, बीमार व्यक्तियों और आपातकालीन स्थिति में अस्पताल पहुंचने के लिए डांडी-कांठी का सहारा लेना पड़ता है। ऐसे में इंसान का जीवित लौटना किसी चमत्कार से कम नहीं है। ऐसा ही कुछ अल्मोड़ा जनपद में देखने को मिला, जहां भैंसियाछाना ब्लॉक के रीठागाड़ क्षेत्र की महिला ने आधी रात को पैदल रास्ते में टार्च और मोबाइल की रोशनी में बच्चे को जन्म दिया।

मिली जानकारी के अनुसार भैंसियाछाना ब्लॉक मुख्यालय से करीब 20 किमी दूर स्थित कनारीछीना के पतलचौरा गांव निवासी प्रियंका बाणी (21) पत्नी राजेंद्र सिंह को मंगलवार रात्रि प्रसव पीड़ा हुई। सड़क सुविधा ना होने से परिजनों गर्भवती महिला को डोली में लेकर स्वास्थ्य केंद्र धौलछीना ले जाने लगे। वहीं रात्रि में बारिश हो रही थी। कुछ दूर पहुंचने पर महिला को तेज प्रसव पीड़ा होने लगी। जिस पर गांव की कुछ बुजुर्ग महिलाओं और आशा की मदद से पैदल रास्ते में टार्च और मोबाइल की रोशनी में बारिश के बीच खेतों में ही बच्चे को जन्म दे दिया। जच्चा-बच्चा दोनों स्वस्थ बताए जा रहे हैं।

ग्रामीणों का कहना है कि वह लंबे समय से सड़क की मांग कर रहे हैं परंतु अधिकारियों द्वारा उनकी मांग को अनसुना किया जा रहा है मुख्य सड़क तक पहुंचने के लिए अभी भी उन्हें 2.5 से 3 किलोमीटर की दूरी तय करनी पड़ती है। ब्लॉक मुख्यालय से 20 किलोमीटर दूरी पर होने के बावजूद गांव आज भी संडक मार्ग से नहीं जुड़ पाया है।

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