आपको बता दें कि मिली जानकारी के मुताबिक़ देहरादून दिल्ली एलिवेटेड हाईवे के लिए आशारोड़ी से मोहंड तक क़रीब 11,000 से अधिक पेड़ काटे जाएंगे। एक तरफ़ तो सरकार द्वारा जन जीवनों के संरक्षण पर ज़ोर दिया जाता है वहीं दूसरी ओर हज़ारों पेड़ों को काटकर सरकार द्वारा उनके आशियानों को उजाड़ा जा रहा है। शनिवार को देहरादून में इसका विरोध करते हुए पर्यावरण प्रेमी उतरे और मोहंड से आशारोड़ी तक 11 हज़ार पेड़ काटने का विरोध किया। विरोध कर रहे लोगों का कहना है कि सरकार मोहंड से आशारोड़ी तक करोड़ों रुपये ख़र्च कर एलिवेटेड रोड बना रही है जिसका काम भी शुरू कर दिया गया है। लेकिन इस योजना में राजाजी पार्क के 11,000 पेड़ों को काटना होगा। इस पर लोगों का कहना है कि सरकार द्वारा हज़ारों पेड़ काटने पर जन जीवनों का आशियाना उजाड़ा जा रहा है। इस पर सरकार का कहना है कि जितने पेड़ काटे जाएंगे उसे दुगुने पेड़ उगाए भी जाएंगे।
26 सितंबर को भी सहस्त्रधारा रोड पारस चिपको भूख मेंटमोमेंट चलाया गया था।इसमें भारी संख्या में लोगों ने समर्थन किया। मसूरी जा रहे हैं हाईवे का विस्तारीकरण किया जा रहा था। जिसके लिए क़रीब 2100 पेड़ काटे जा रहे थे। वहीं लोगों द्वारा इसका विरोध किया जा रहा था। 18 सामाजिक संगठनों ने इस पर विरोध प्रदर्शन किया। सिटीज़न फॉर ग्रीन दून के हिमांशु अरोड़ा ने कहा कि जब हमें पता चला कि मिनट का रस्ता कम करने के लिए 11, हज़ार पेड़ काटे जा रहे हैं तो हमने प्रदर्शन करने की ठानी। उनका कहना था कि जैसे आए दिन पहाड़ों में लैंडस्लाइड देखने को मिलता है वैसे ही हाल अब शहरों में भी नज़र आएगा।
READ ALSO: देहरादन: सरकार ने 4 IAS अधिकारियों के दायित्व में किया बड़ा फेरबदल….