पिछले दो सालों में कोरोना की वजह से सारी चीजें अस्त व्यस्त हो गई है।उसका प्रभाव हर चीज में देखने को मिला।बात करे भर्ती प्रक्रिया की तो इन दो सालों में कोरोना के चलते भर्ती प्रक्रिया पर भी रोक लगी हुई है।लेकिन अब इन सब के बाद सेना में जवानों की कमी महसूस की जा रही है।
बढ़ते हुए समय के साथ भले ही यह कमी हो लेकिन फिर भी किसी भी ऑपरेशन में किसी भी तरह की अर्चन या रुकावट नहीं हुई।सेना के जवान लगातार बहुत अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं।
Live Hindustan की खबर के मुताबिक यदि बात सैनिकों के कमी की की जाए तो फिलहाल सेना में अधिकारी रैंक (PBOR) कैडर से नीचे के कर्मियों में करीब 120,000 सैनिकों की संख्या में कमी है जो हर महीने लगभग 5,000 जवानों की दर से बढ़ती चली जा रही है।इस समय हमारे पास मौजूद 10 लाख से भी अधिक सैनिकों की अधिकृत ताकत है।
सीनियर अधिकारी जिनकी तैनाती फॉरवर्ड एरिया में है उन्होंने कहा, “भर्ती रुकने के कारण जनशक्ति पर दबाव बढ़ गया है, लेकिन फ्रंट-लाइन यूनिट्स की दक्षता कम नहीं हुई है। मैनपावर प्लानिंग पर ध्यान केंद्रित किया गया है ताकि हम मौजूदा संख्या के साथ काम कर सकें।”
अब कोरोना की स्थिति पहले से स्थिर और सामान्य है।सभी चीजे भी सामान्य रूप से चल रही है।स्कूल,मॉल, बिजनेस,दुकान,अंतरराष्ट्रीय उड़ानें सभी चीजे खुल गई है और सामान्य रूप से शुरू हो गई है लेकिन अब भी सरकार ने भर्ती पर रोक को वापस नहीं लिया है।