यूपी के आगरा में रील बनाकर ‘रिवॉल्वर रानी’ के नाम से विवादों में आईं महिला सिपाही प्रियंका मिश्रा की बहाली को लेकर कई सवाल खड़े हो गए हैं. जिसके बाद इस मामले की गोपनीय जांच के आदेश दिए गए हैं. महिला सिपाही की नौकरी बहाली में किस-किस ने मदद की और बाबू ने महिला सिपाही के लिए अपनी नौकरी क्यों खतरे में डाली, इसकी अब जांच होगी.
आगरा पुलिस में सिपाही प्रियंका मिश्रा की ज्वाइनिंग के दो दिन बाद ही नौकरी चली गई, जिसके बाद तथ्य छिपाकर उसकी मदद करने वाले क्लर्क को भी निलंबित कर दिया गया. इसके बाद अब पुलिस विभाग ने इस बात की गोपनीय जांच के आदेश दिए हैं कि महिला कांस्टेबल को नौकरी बहाल कराने में किसने मदद की थी. एसीपी की जांच में क्या तथ्य दिए गए? इन सभी की भूमिका की जांच की जायेगी
दरअसल, प्रियंका मिश्रा साल 2021 में रिवॉल्वर वाली रील बनाने को लेकर सुर्खियों में आई थीं, जिसके बाद सोशल मीडिया पर इसे लेकर काफी विवाद हुआ था। लोगों की टिप्पणियों से आहत होकर उन्होंने इस्तीफा दे दिया, लेकिन फिर आर्थिक तंगी का हवाला देकर दोबारा नौकरी पर लौटने के लिए आवेदन कर दिया. इसके बाद उन्होंने ऑफिस क्लर्क जीतेंद्र से बात की और जीतेंद्र भी इसके लिए तैयार हो गए
बाबू ने तथ्यों को छिपाकर मुख्यालय की मंजूरी के बिना ही अपनी बहाली का आदेश दे दिया था. बहाली का आदेश मिलने के बाद प्रियंका ने नौकरी भी ज्वाइन कर ली थी, लेकिन दो दिन में ही पूरा मामला खुल गया और इसकी जानकारी पुलिस कमिश्नर को हो गई, जिसके बाद उन्होंने तुरंत प्रियंका की नौकरी रद्द करने का आदेश दिया और आरोपी बाबू को गिरफ्तार कर लिया. निलंबित भी किया गया. इस मामले की जांच एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी को सौंपी गई है.