आपको बता दें कि पहाड़ी उत्तराखंड के पहाड़ी क्षेत्रों में गुलदार की दहशत बढ़ती ही जा रही है। जंगलों से निकल कर गुलदार आबादी वाले क्षेत्रों में दाख़िल हो रहा है। एक ऐसा ही मामला पिथौरागढ़ ज़िले के मटियाल गाँव से सामने आया है। जहाँ गुलदार ने एक ही रात में पूरे पोल्ट्री फ़ार्म को तबाह कर दिया। मटियाल गाँव के रहने वाले मुकेश कुमार ने अपना एक एक रुपया बचाकर यह पोल्ट्री फ़ार्म खोला था। मुकेश और उसका पूरा परिवार दिन रात मुर्गियों की देख रेख में जुटा रहता था। पोल्ट्री फार्म में क़रीब 1500 से भी ज़्यादा मूर्तियां रखी हुई थी। बीती रात उस फ़ार्म को गुलदार ने तबाह कर डाला और क़रीब 1500 से भी ज़्यादा मुर्गियाँ गुलदार का निवाला बन गई।
मुकेश ने इस फ़ार्म के लिए क़रीब दो लाख रुपया का लोन और अपनी ज़िंदगी के सारी जमा पूंजी लगायी थी, लेकिन गुलदार ने एक ही रात में मुकेश के सारे सपनों पर पानी फेर डाला। फ़ार्म मालिक मुकेश कुमार ने बताया कि उनका फार्म गांवों से कुछ ही दूरी पर है। उन्होंने मुर्गियों की देख रेख करने के लिए चार काम वाले भी लगा रखे थे जो की फार्म से सटे घर में रहते थे। बीती रात कर्मचारियों ने मुर्गियों की फड़फड़ाने की आवाज़ सुनी लेकिन उन्हें लगा कि हवा रोकने के लिए लगाई गई प्लास्टिक की पन्नियों की आवाज़ है।
काफ़ी देर तक फड़फड़ाने की आवाज़ आती रही तो एक कर्मचारी ने उठकर कमरे से बाहर बाड़े कि ओर देखा तो वहाँ पर गुलदार मुर्ग़ी खाता नज़र आया। कर्मचारी ज़ोर ज़ोर से चिल्लाने लगा जिसके बाद उसके सारे साथी उठकर मौक़े पर पहुँच गए। चारों कर्मचारियों ने मिलकर गुलदार को भगाने का काफ़ी प्रयास किया, थोड़े समय के बाद ही गुलदार वहाँ से चला गया। यह घटना जिला मुख्यालय के 38 किलोमीटर दूरी पर हुई। यह एक पहला मामला नहीं है इससे पहले भी कई बार गुलदार ने किसी की बकरी तो किसी के जानवर खा दिए हैं।
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