किराएदार और मकान मालिक के बीच में लड़ाई झगड़े होना एक आम बात है जहां एक और किरायेदारों की शिकायत रहती है कि मकान मालिक मनमाने तरीके से कभी भी किराया बढ़ा देते हैं। वहीं मकान मालिकों की शिकायत रहती है कि किराएदार समय पर किराया नहीं देते हैं या एक निश्चित समय अंतराल के पूरा हो जाने पर भी कमरा नहीं छोड़ते हैं।
लेकिन उत्तराखंड सरकार ने किराएदार वह मकान मालिक दोनों की राहें आसान कर दी है। आपको बता दें कि उत्तराखंड में उत्तराखंड टेनेंसी एक्ट 2021 पास हो चुका है ।उम्मीद की जा रही है कि जल्द ही इसकी अधिसूचना जारी कर अधिनियम लागू किया जाएगा ।अधिनियम के लागू होने के बाद मकान मालिक अपनी मर्जी से किराए में बढ़ोतरी नहीं कर पाएंगे। वहीं किराएदार को भी एक निश्चित अवधि के पूरा होने के बाद मकान खाली करना जरूरी हो जाएगा ।इस तरह मकान मालिक व किराएदार दोनों के हितों के संरक्षण को देखते हुए नियम बनाए जाएंगे ।उत्तराखंड किराएदारी अधिनियम 2021 के नियम निम्न प्रकार से होंगे :-
- इसमें आवासीय व व्यवसायिक दोनों प्रकार के भवन शामिल किए जाएंगे ।
- किराए से संबंधित कोई भी शिकायत सिविल न्यायालय में दायर होने के बजाय अब किराया प्राधिकरण में दायर होगी ।
- मकान मालिक और किराएदार के बीच एक लिखित अनुबंध के आधार पर ही किराया सुनिश्चित किया जाएगा .
- मकान मालिक को अपने किराए के अनुसार ही किरायेदारों को सुविधा देनी होगी।
इस प्रकार इस नए अधिनियम “उत्तराखंड किरायेदारी अधिनियम 2021 ” से किराएदार व मकान मालिक दोनों के हितों का संरक्षण किया जाएगा।