आपको बता दें कि उत्तराखंड में बेरोज़गारी का आलम इस क़दर बढ़ गया है कि नौकरी पाने के लिए युवाओं को फ़र्ज़ी डिग्रियों का इस्तेमाल करना पड़ रहा है। जी हाँ फ़र्ज़ी डिग्री का एक ऐसा ही मामला उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग ज़िले से सामने आया है। जहाँ 22 अध्यापकों की एसआईटी जाँच में बीएड की फ़र्ज़ी डिग्री पाई गई है। यह अध्यापक अपनी फ़र्ज़ी डिग्री दिखाकर नौकरी कर रहे थे। 22 फ़र्ज़ी डिग्री धारकों में से दो शिक्षकों को सस्पेंड कर दिया गया है और 19 अध्यापकों की नौकरी ख़त्म कर दी गई है जबकि एक शिक्षक की मौत हो चुकी है। उत्तराखंड में लंबे समय से एसआईटी फ़र्ज़ी शिक्षकों की जाँच कर रहा है। शिक्षा विभाग की ओर से की गई कार्रवाई में अब तक कई फ़र्ज़ी डिग्री धारक अध्यापकों को सस्पेंड कर दिया गया है।
हाल ही में रुद्रप्रयाग के शिक्षक जाँच के दायरे में आएँ तो पता चला कि 22 अध्यापकों की बीएड की डिग्री फ़र्ज़ी है। इन सभी अध्यापकों ने 1995-2005 के बीच फ़र्ज़ी डिग्री जमा करवाई थी। चौधरी चरणसिंह यूनिवर्सिटी में 10 साल के सत्र में शिक्षकों की डिग्री का कोई रिकॉर्ड नहीं मिला जिसके आधार पर इनकी डिग्री को फ़र्ज़ी माना जा रहा है।
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